स्टीफन हॉकिंग एक ब्रिटिश सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी और ब्रह्मांड विज्ञानी थे। उन्हें आधुनिक भौतिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए जाना जाता है, विशेष रूप से ब्लैक होल और बिग बैंग पर उनके काम के लिए।

हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी, 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में हुआ था। उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1963 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अपनी स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू की।

स्टीफन हॉकिंग: ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करने वाला एक असाधारण वैज्ञानिक

अपने स्नातकोत्तर अध्ययन के दौरान, हॉकिंग को एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS) नामक एक दुर्लभ न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी का पता चला। इस बीमारी से पीड़ित लोगों के शरीर के सभी मांसपेशियों को धीरे-धीरे लकवा मार जाता है। डॉक्टरों ने अनुमान लगाया कि हॉकिंग के पास केवल दो साल का समय था।

हालांकि, हॉकिंग ने डॉक्टरों की भविष्यवाणी को धता बता दिया। उन्होंने अपने शोध पर काम करना जारी रखा और ब्रह्मांड विज्ञान के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। 1974 में, उन्होंने साबित किया कि ब्लैक होल विकिरण उत्सर्जित करते हैं, जिसे अब हॉकिंग विकिरण के नाम से जाना जाता है। यह खोज भौतिक विज्ञान की एक प्रमुख उपलब्धि थी और यह दर्शाती है कि ब्लैक होल हमेशा बंद नहीं रहते हैं।

हॉकिंग ने 1988 में अपनी सबसे प्रसिद्ध पुस्तक, "अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम" का प्रकाशन किया। यह पुस्तक एक अंतरराष्ट्रीय बेस्टसेलर बन गई और इसे 40 से अधिक भाषाओं में अनुवादित किया गया। पुस्तक ने ब्रह्मांड के बारे में लोगों की समझ को व्यापक रूप से प्रभावित किया।

हॉकिंग ने अपने जीवन के बावजूद, अपने शोध और सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया। उन्होंने एक कंप्यूटर-नियंत्रित व्हीलचेयर का उपयोग किया और एक विशेष आवाज उत्पन्न करने वाली मशीन का उपयोग करके संवाद किया।

हॉकिंग की मृत्यु 14 मार्च, 2018 को हुई। वह 76 वर्ष के थे। वह अपने पीछे पत्नी, तीन बच्चे और एक विशाल वैज्ञानिक विरासत छोड़ गए।

स्टीफन हॉकिंग की कहानी एक प्रेरणादायक कहानी है। उन्होंने एक ऐसी बीमारी के बावजूद, जो उन्हें लकवाग्रस्त कर देती थी, अपने सपनों को हासिल किया। उन्होंने ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ को बदल दिया और दुनिया भर के लोगों को प्रेरित किया।